काठमाडौं। अन्तर्राष्ट्रिय मुद्रा कोषले नेपालको आर्थिक बृद्धि दर ५.५ प्रतिशत हुने प्रक्षेपण गरेको छ। मुद्रा कोषले भुकम्प र नाकाबन्दीपछि नेपालको आर्थिक अवस्थामा सुधार हुँदै गएको उल्लेख गर्दै आर्थिक बृद्धि बढ्ने अनुमान सार्वजनिक गरेको हो।
नेपालको वित्तीय तथा समग्र आर्थिक अवस्था बुझ्न आएको मुद्रा कोषको आर्टिकल फोर मिसनले मंगलबार बिहान प्रतिवेदन सार्वजनिक गर्दै बजेट कार्यान्वयनको अवस्थाप्रति चिन्ता जनाएको छ।
कोषले नेपाल राष्ट्र बैंकले प्रक्षेपण गरेको स्तरमै मूल्य बृद्धि दर रहने अपेक्षा गरेको छ। राष्ट्र बैंकले मूल्य बृद्धि दर साढे सात प्रतिशत हुने प्रक्षेपण गरेको थियो।
नेपालको आर्थिक बृद्धि दरमा उपयुक्त मनसुनका साथै मौद्रिक नीतिले लिएको दिशा र बढ्दै गएको सरकारी खर्चले सहयोग पुर्याउने जनाएको छ। यद्यपी आगामी बर्षको आर्थिक बृद्धि दर भने साढे चार प्रतिशतमा झर्ने प्रक्षेपण पनि कोषको छ।
आगामी दिनमा अर्थतन्त्रमा सुधार ल्याउनका लागि वित्तीय र मौद्रिक नीतिबीच तालमेल हुन आवश्यक रहेको कोषले औंल्याएको छ। आर्थिक नीतिमा स्थिरता दिँदै मौद्रिक नीति खुकुल पार्दै लैजानु पर्ने सुझाव कोषको छ।
आगामी दिनमा मौद्रिक नीतिको ढाँचामा सुधार गर्दै लैजानु पर्ने सुझाव दिँदै कोषले ब्याज दर करिडोरको स्वागत गरेको छ। ब्याज दर करिडोरले बैंक दरमा हुने असन्तुलनलाई समयसापेक्ष पार्ने विश्वास लिएको छ।
कोषले निजी क्षेत्रमा जाने कर्जा सात बर्षयताकै उच्च रहेको जनाएको छ । सात महिनामा यो क्षेत्रमा ३१ प्रतिशत कर्जा लगानी भएको छ। उसले रेमिटेन्सको बृद्धि दर खस्कँदै गएको, नीतिमा अस्थिरता र तरलताका साथै भारतमा भएको नोटबन्दीको असर पनि केही हदसम्म नेपाली अर्थतन्त्रमा पर्ने जनाएको छ।
वित्तीय क्षेत्रमाथि बढ्दो जोखिमलाई न्यूनीकरण गर्नका लागि नियमन तथा सुपरिवेक्षकीय कार्यक्रमहरुलाई प्रभावकारी रुपमा अगाडि वढाउनु पर्ने सुझाव दिँदै कोषले वित्तीय पहुँच सुदृढ गर्ने कार्यक्रम सञ्चालनमा जोड दिन भनेको छ।
नेपाली अर्थतन्त्रले मध्यकालमा लिने गति भने सरकारको ‘रिफर्म’ क्षमतामा भर पर्ने आइएमएफको निष्कर्ष छ। लम्बिदो राजनीतिक अनिश्चितताकाबीच आर्थिक क्षेत्रको आत्मविश्वास बृद्धिका लागि स्थिर नीति र प्रतिबद्धता आवश्यक हुने उल्लेख गरिएको छ।
केही प्रमुख संस्थालाई सबल नबनाउन्जेल बजेट खर्च र निजी क्षेत्रको लगानी बिस्तार हुन नसक्ने आइएमएफले जनाएको छ। स्थिर नीतिकै अभावमा गएको दशकमा आर्थिक बृद्धिदर न्युन रहेको र जनताको जीवनस्तर पनि उकासिन नसकेको उल्लेख गरिएको छ। अझै पनि नीतिगत स्थिरता नआए नेपालले लक्ष्य गरे बमोजिम सन् २०३० भित्र मध्यम आय भएको देशको सूचीमा समावेश हुन कठिन रहेको आइएमएफको निष्कर्ष छ।
माइक्रोफाइनान्स क्षेत्रको जोखिम न्युनिकरण र वित्तीय पहुँच बिस्तारकालागि नेपाल राष्ट्र बैंकले नियमनकारी क्षमतालाई थप सुदृढ बनाउनु पर्ने आइएमएफको सुझाव छ।
Nepal: Selected Economic Indicators, 2013/14-2017/18 1/ | |||||
2013/14 | 2014/15 | 2015/16 | 2016/17 | 2017/18 | |
Projections | |||||
Output and prices (annual percent change) | |||||
Real GDP | 6 | 2.7 | 0.6 | 5.5 | 4.5 |
CPI (period average) | 9 | 7.2 | 9.9 | 6.7 | 7.6 |
CPI (end of period) | 8.1 | 7.6 | 10.4 | 6.5 | 7.5 |
Fiscal Indicators (in percent of GDP) | |||||
Total revenue and grants | 20.4 | 20.9 | 23.3 | 24.2 | 24.1 |
of which: tax revenue | 15.9 | 16.8 | 18.7 | 20 | 20.1 |
Expenditure | 18.8 | 20.2 | 22 | 25.3 | 25.3 |
Expenses | 15.5 | 16 | 16.5 | 19.3 | 19.3 |
Net acquisition of nonfinancial assets | 3.4 | 4.2 | 5.5 | 6 | 6 |
Operating balance | 4.9 | 4.8 | 6.8 | 4.9 | 4.8 |
Net lending/borrowing | 1.5 | 0.7 | 1.4 | -1.1 | -1.2 |
Statistical discrepancy | -0.9 | -1.2 | -1.1 | 0 | 0 |
Net financial transactions | -1.5 | -0.7 | -1.4 | 1.1 | 1.2 |
Net acquisition of financial assets | 2.4 | 2.2 | 5.2 | -1.3 | -1.2 |
Net incurrence of liabilities | 0 | 0.3 | 2.8 | -0.2 | -0.1 |
Foreign | 0.2 | 0.6 | 1.1 | 0.8 | 0.7 |
Domestic | -0.3 | -0.2 | 1.7 | -1 | -0.8 |
Money and credit (annual percent change) | |||||
Broad money | 19.1 | 19.9 | 19.5 | 15.9 | 13.6 |
Domestic credit | 13.9 | 16.4 | 17.4 | 20.2 | 17.8 |
Private sector credit | 18.3 | 19.4 | 23.2 | 19 | 16.7 |
Velocity | 1.3 | 1.1 | 1 | 1 | 1 |