
काठमाडौं। आर्थिक शिथिलताले व्यवसाय बढाउन नसक्दा त्यसको असर वाणिज्य बैंकहरुको ब्यालेन्स सिटमा परेको छ।
चालु आर्थिक वर्ष ८ महिनामा वाणिज्य बैंकहरुले पोहोरको सोही अवधिको तुलनामा मुनाफा जम्मा २.८१ प्रतिशतले बढाएका छन्। यो वृद्धि कर्जा नोक्सानी व्यवस्थामा राष्ट्र बैंकले लिएको लचिलो नीतिका कारण सम्भव भएको हो।
२० वटा बैंकले ८ महिनामा ४३ अर्ब ४९ करोड रुपैयाँ मुनाफा कमाएका छन्। ११ बैंकले नाफा बढाउँदा ९ वटाको भने खुम्चिएको छ।
नेपाल बैंकको नाफा सबैभन्दा धेरै १३२.९ प्रतिशतले वृद्धि भएको छ। धेरै नाफा गर्नेमा नबिल बैंक छ। नबिलले ४ अर्ब ७८ करोड रुपैयाँ नाफा गरेको छ।
राष्ट्र बैंकले कर्जा नोक्सानी व्यवस्था १.१० प्रतिशतबाट घटाएर १ प्रतिशतमा झारेका कारण नाफा बढेको बैंकरहरूले बताएका छन्। मौद्रिक नीतिको दोस्रो त्रैमासिक समीक्षामार्फत राष्ट्र बैंकले कर्जा नोक्सानी व्यवस्था घटाएको थियो।
राष्ट्रिय वाणिज्य, हिमालयन, एनआइसी एशिया, माछापुच्छ्रे, कुमारी, सिद्धार्थ, कृषि, सिटिजन्स र प्राइम बैंकको नाफा भने खुम्चिएको छ।
वाणिज्य बैंकहरुको मुनाफा रु दश लाखमा
बैंक | २०८१/८२ फागुनसम्म | २०८०/८१ फागुनसम्म | फरक प्रतिशत |
नेपाल | २,९८७.९६ | १,२८२.९५ | १३२.९ |
राष्ट्रिय वाणिज्य | १,७२३.९६ | २,८७७.६६ | -४०.०९ |
नबिल | ४,७८७.६८ | ४,७२४.२१ | १.३४ |
नेपाल इन्भेष्टमेन्ट मेगा | ४,०८५.७३ | २,८०४.५३ | ४५.६८ |
स्टान्डर्ड चार्टर्ड | २,१७५.२७ | २,०८९.६७ | ४.१ |
हिमालयन | १,६६९.७८ | १,९४८.३६ | -१४.३ |
नेपाल एसबिआइ | १,२४९.०५ | १,००८.०२ | २३.९१ |
एभरेष्ट | ३,००८.८६ | २,२९३.४७ | ३१.१९ |
एनआइसी एशिया | ८१९.९९ | २,५४२.४४ | -६७.७५ |
माछापुच्छ्रे | १,१६२.२७ | १,१६४.८४ | -०.२२ |
कुमारी | ९६९.११ | १,४२४.६७ | -३१.९८ |
लक्ष्मी | १,९९२.७२ | १,८२०.६८ | ९.४५ |
सिद्धार्थ | १,२१६.९३ | १,६९६.५४ | -२८.२७ |
कृषि | ७३८.०३ | १,९७६.७६ | -६२.६६ |
ग्लोबल आइएमई | ४,७२९.४८ | ३,४३३.०९ | ३७.७६ |
सिटिजन्स | १,१६१.६० | १,२२६.५३ | -५.२९ |
प्राइम | २,५०३.०६ | २,८८७.८० | -१३.३२ |
एनएमबि | २,७१६.७१ | १,९२५.२८ | ४१.११ |
प्रभु | २,११५.०६ | १,५१४.५८ | ३९.६५ |
सानिमा | १,६८३.२२ | १,६६४.८२ | १.११ |
जम्मा | ४३,४९६.४७ | ४२,३०६.९० | २.८१ |