काठमाडौं। ऋण असुली प्रभावित हुँदा पनि लघुवित्त वित्तीय संस्थाहरुले खुद नाफा बढाएका छन्। आर्थिक गतिविधि बढ्न नसकेर ऋण असुली सुधार हुन नसकेको समयमा पनि लघुवित्तहरुको खुद नाफा २६.०८ प्रतिशतले बढेको छ।
चालु आर्थिक वर्ष तेस्रो त्रैमासिक वित्तीय विवरण सार्वजनिक गरेका ४९ लघुवित्तमध्ये ३८ वटाले नाफा बढाउँदा ८ वटाको खुम्चिएको छ। तीन लघुवित्तको नाफा भने ऋणात्मक छ।
मातृभूमि, नेष्डो र सामुदायिक लघुवित्तको नाफा ऋणात्मक हुन पुगेको हो। पोहोर ९ महिनामा ७ लघुवित्तको नाफा ऋणात्मक थियो।
४९ लघुवित्तले यो आर्थिक वर्ष चैत मसान्तसम्म ५ अर्ब ५ करोड रुपैयाँ खुद नाफा गरेका छन्। पोहोर ९ महिनामा ती लघुवित्तको खुद नाफा ४ अर्ब ८६ लाख रुपैयाँ थियो।
सबैभन्दा धेरै नाफा गर्नेमा छिमेक लघुवित्त छ। छिमेक लघुवित्तले ९ महिनामा ८५ करोड ३५ लाख रुपैयाँ नाफा गरेको छ। पोहोर सोही अवधिमा लघुवित्तको नाफा ६४ करोड ३७ लाख रुपैयाँ थियो।
छिमेकपछि साना किसान विकास लघुवित्तले ५४ करोड ५० लाख र डिप्रोक्स लघुवित्तले ४३ करोड २१ लाख रुपैयाँ नाफा कमाएका छन्। साना किसानले १.६९ प्रतिशतले नाफा बढाउँदा डिप्रोक्सले भने ७०.८१ प्रतिशत धेरै छलाङ हानेको छ।
त्यसैगरी, सबैभन्दा कम नाफा कमाउनेमा इन्फिनिटी लघुवित्त छ। गत आर्थिक वर्ष ९ महिनामा ५ करोड २५ लाख रुपैयाँ नाफा कमाएको इन्फिनिटीले यसपालि ६ लाख ६१ हजार रुपैयाँमा चित्त बुझाएको छ।
अभियान लघुवित्तका सीइओ तेजेन्द्र शर्मा लम्सालले एनएफआरएस अनुसार रिपोर्ट बनाउँदा उठ्न बाँकी ब्याजलाई वित्तीय विवरणमा देखाउन मिल्ने भएका कारण नाफामा सपोर्ट पुगेको बताए।
‘कर्जा पुनःसंरचना गर्न पाउने व्यवस्थाले केही सहज भयो। पुरानो ऋण पुनःसंरचना गरेर अहिले प्रोभिजनिङ घटेको अवस्था छ,’ उनले भने, ‘माइक्रोफाइनान्सको बरोइङ कस्ट घटेको छ। असुली विस्तारै सुधार भइरहेको छ,’ उनले भने।
लघुवित्तहरुको वित्तीय अवस्था
लघुवित्त | २०८१/८२ चैतसम्मको नाफा (रु. हजारमा) | २०८०/८१ चैतसम्मको नाफा (रु. हजारमा) | फरक (प्रतिशतमा) | २०८१ असारको एनपीएल (प्रतिशतमा) | २०८१चैतको एनपीएल (प्रतिशतमा) | एनपीएल फरक |
आत्मनिर्भर | २१,४६२.१० | १२,७०५.१५ | ६८.९२ | १५.०८ | ११.९४ | ३.१४ |
डिप्रोक्स | ४३२,१२३.३० | २५२,९८१.६६ | ७०.८१ | ८.६६ | ८.२५ | ०.४१ |
फर्स्ट | ७०,६३९.१० | १३०,२६०.३७ | -४५.७७ | ४.७८ | ३.१२ | १.६६ |
ग्रामिण | २४६,८१३.१० | २११,३११.१९ | १६.८ | ४.४२ | ६.९८ | -२.५६ |
गुराँस | २७,११२.९० | २२,४७८.७१ | २०.६२ | ३.०१ | २.६९ | ०.३२ |
हिमालयन | ५३,४९१.६० | ११,३९७.६५ | ३६९.३२ | ५.३४ | ४.६१ | ०.७३ |
मेरो | १२९,३५५.५० | १२३,८४२.४५ | ४.४५ | ९.४९ | ७.६१ | १.८८ |
आरएसडीसी | ६९,८९७.४० | ११२,१२१.३३ | -३७.६६ | ३.१३ | २.९९ | ०.१४ |
समाज | ३,९२१.९० | -२,२९८.६२ | – | ४.४९ | १०.५३ | -६.०४ |
सपोर्ट | ३०,६४९.१० | १२,३४०.४५ | १४८.३६ | १.६४ | १.४७ | ०.१७ |
स्वाभिमान | ३५,७३७.५० | १,८०१.९७ | १८८३.२४ | ४.११ | ३.७ | ०.४१ |
साना किसान | ५४५,०४०.०० | ५३४५७१ | १.९६ | २.५५ | २.४१ | ०.१४ |
युनिक नेपाल | ३३,५१९.९० | ३८,४२९.३५ | -१२.७८ | १५.५२ | ११.०५ | ४.४७ |
उपकार | २२,३८०.०० | ७,२९८.०० | २०६.६६ | ४.९४ | १.५३ | ३.४१ |
सूर्योदय | ७८,६९२.८० | २२,९३८.२० | २४३.०६ | ५.२६ | ६.२ | -०.९४ |
सम्पदा | १०७,०५८.७० | ८६,००५.७६ | २४.४८ | ६.७१ | ४.८ | १.९१ |
समता घरेलु | २६,१४८.९० | ३०,०७०.९० | -१३.०४ | ६.५३ | ४.८९ | १.६४ |
सामुदायिक | -१०,१२४.५० | -४५,९५७.५१ | – | ४.९७ | ९.८६ | -४.८९ |
स्वरोजगार | १६०,२४२.८० | ७३,१८४.८० | ११८.९६ | ५.३९ | ५.७२ | -०.३३ |
सृजनशील | २३,६९९.०० | २४,३६८.२० | -२.७५ | ९.५८ | ७.३६ | २.२२ |
नेरुडे मिर्मिरे | ५७,९००.८० | ४४७,००६.१२ | -८७.०५ | १४.८१ | ६.६ | ८.२१ |
एनएमबि | २७,५२५.८० | -७४,९३५.८३ | – | ५.५९ | ८.२९ | -२.७ |
एनआइसी एसिया | १,२९८.५० | १,२५५.५१ | ३.४२ | १३.५५ | १३.५३ | ०.०२ |
नेष्डो | -११६,०५८.१० | ४६,०७७.४२ | – | २०.९ | १२.५८ | ८.३२ |
महुली समुदायिक | ४०,५५८.९० | ३२,२८५.१५ | २५.६३ | ४.९६ | ४.९ | ०.०६ |
मानुषि | ९,३३१.१० | -७,२००.५९ | – | ६.३५ | ८.४४ | -२.०९ |
मिथिला | ५३,२३८.५० | ३०,०५४.३८ | ७७.१४ | ४.६८ | ३.९ | ०.७८ |
लक्ष्मी | ५०,२३९.९० | ४४,४३३.८८ | १३.०७ | ९.१६ | ७.७६ | १.४ |
कालिका | ६८,०००.०० | ३२,१२६.६३ | १११.६६ | ५.२७ | ४.९६ | ०.३१ |
जीवन विकास | ३५५,६८८.५० | २६६,५२९.९७ | ३३.४५ | ४.९७ | ४.७९ | ०.१८ |
इन्फिनिटी | ६६१.२ | ५२,५९९.७५ | -९८.७४ | १४.३५ | ४.९७ | ९.३८ |
गणपति | २३,३१०.२० | ८,५७९.१० | १७१.७१ | ५.९४ | ४.९४ | १ |
ग्लोबल | १५०,३३१.९० | १०७,२३७.११ | ४०.१९ | ४.४८ | ४.११ | ०.३७ |
विन नेपाल | २,५५०.०० | -४७९७ | – | ४.९६ | ४.६५ | ०.३१ |
महुली | १०६,७६३.०० | ४०२७७ | १६५.०७ | १.८६ | ३.७७ | -१.९१ |
मातृभूमि | -४३,५४४.०० | २९०१६ | – | ९.८४ | ६.४७ | ३.३७ |
नाडेप | ७,७०५.०० | १८११ | ३२५.४६ | २२.१४ | ९.९८ | १२.१६ |
निर्धन | ४८०,५८२.०० | १७५८६० | १७३.२८ | ९.०९ | १०.७७ | -१.६८ |
स्वावलम्बन | १२०,२१२.०० | ११८६२० | १.३४ | ९.८९ | १०.८८ | -०.९९ |
विजय | ७८,०६८.०० | ३३१६६ | १३५.३९ | ९.५३ | ८.११ | १.४२ |
फरवार्ड | ३६,१८०.५० | ११६,५६३.१४ | -६८.९६ | ५.८५ | ८.२६ | -२.४१ |
धौलागिरी | ५,२५६.४० | -४९,३४०.९१ | – | ६.९६ | ४.९३ | २.०३ |
सीवाइसी | ५५,८६२.३० | २८,००७.८९ | ९९.४५ | ८.४९ | ४.७४ | ३.७५ |
अभियान | ३१,७२७.७० | -२२,३३३.८३ | – | ६.८४ | ४.९२ | १.९२ |
आशा | ६५,५८३.८० | ३८,८१९.७६ | ६८.९४ | ४.९७ | ४.९५ | ०.०२ |
छिमेक | ८५३,५५०.०० | ६४३,७६२.०० | ३२.५९ | २.६ | ३.०४ | -०.४४ |
नेसनल | ३६२,५३५.०० | १९०,७५४.०० | ९०.०५ | ३.९१ | ४.३६ | -०.४५ |
आरम्भ चौतारी | ६१,३२६.०० | १७७३४ | २४५.८१ | ३.७ | ४.४४ | -०.७४ |
राष्ट्र बैंकले दिएको सहुलियतले प्रोभिजनिङ कम गर्दा नाफामा सुधार देखिएको अर्का एक लघुवित्तका सीइओले बताए।
‘राष्ट्र बैंकले असल कर्जाबापत छुट्याउनु पर्ने प्रोभिजनिङ १.१० प्रतिशतबाट १ प्रतिशतमा झारेको छ। यसले यसअघि गरेको प्रोभिजनिङ राइट अफ हुँदा नाफा बढाउन सहयोग मिल्यो,’ उनले बिजमाण्डूसँग भने।
राष्ट्र बैंकले मौद्रिक नीतिको समीक्षामार्फत प्रोभिजनिङमा लचकता अपनाएको थियो।
‘कर्जा पुनःसंरचनाको सुविधाले ब्याज आम्दानी बढाउन मद्दत पुग्नुका साथै खराब कर्जा थप बढ्न रोकेको छ,’ ती सीइओले भने, ‘असल वर्गमा रहेको कर्जाको उठ्न बाँकी ब्याजलाई आम्दानीमा देखाउन पाएकाले ब्यालेन्स सिट राम्रो देखियो। तर असुलीमा अझै सुधार हुन सकेको छैन।’
ऋण असुली प्रभावित हुँदा लघुवित्तहरुको खराब कर्जा केही बढेको छ। गत आर्थिक वर्षको ९ महिनाको तुलनामा यसवर्ष लघुवित्तको खराब कर्जा १.०३ प्रतिशत विन्दुले बढेको छ। लघुवित्तहरुको औसत खराब कर्जा ७.३१ प्रतिशत पुगेको छ।
३५ वटा लघुवित्तको खराब कर्जा बढेको छ। १४ वटाले भने खराब कर्जा घटाएका छन्।
७ वटा लघुवित्तको खराब कर्जा १० प्रतिशत माथि छ। त्यसैगरी, २२ वटा लघुवित्तको खराब कर्जा ५ देखि १० प्रतिशत र २० वटाको ५ प्रतिशत मुनि छ।