काठमाडौं। लघुवित्त कम्पनीहरुको वित्तीय अवस्था झन्झन् बिग्रँदै गएको छ। एकातिर मन्दीले ऋणको माग घट्नु र अर्कातिर आफूहरुविरुद्ध अराजक गतिविधि बढ्नुको असर लघुवित्तहरुको वित्तीय विवरणमा देखिएको छ।
नेपाल स्टक एक्सचेन्ज(नेप्से) मा सूचीकृत ५५ लघुवित्तमध्ये हालसम्म ४७ वटाले वित्तीय विवरण सार्वजनिक गरेकामा अधिकांशको स्थिति बिग्रिएको पाइएको छ।
कर्जा असुलीमा समस्या हुँदा सबैजसो लघुवित्तको निष्क्रिय कर्जा अनुपात बढेको छ। कर्जा नउठ्दा प्रोभिजनिङमा बढी रकम छुट्याउन परेको छ। कर्जा लगानी निकै संकुचित भएको छ।
राष्ट्र बैंकले सेवा शुल्क र ब्याजदरमा गरेको कडाइ, आर्थिक मन्दी र लघुवित्त वित्तीय संस्थाहरुका बारेमा फैलाइएका भ्रमले व्यवसाय निकै प्रभावित भइरहेको माइक्रोफाइनान्स एसोसिएसन अफ नेपालका महासचिव रामबहादुर यादवले बताए।
‘अहिले पहिला लगानी गरेको कर्जा रिकभरिमा समस्या छ। त्यसका साथै राष्ट्र बैंकले एउटा ऋणीले एउटा लघुवित्तबाट मात्र कारोबार गर्न पाउने व्यवस्थाले गाउँघरमा कर्जा लगानी नै भएको छैन। हामीले बैंकसँग १२/१३ प्रतिशतमा पैसा लिएर १५ प्रतिशतमा लगानी गर्नु पर्ने अवस्था छ। मार्जिन छैन,’ नेसनल लघुवित्तका सीईओ समेत रहेका यादवले भने, ‘पहिला निक्षेपमा जति ब्याज दिएपनि हुन्थ्यो। अहिले कर्जाको ब्याजको ५० प्रतिशत निक्षेपमा दिनुपर्ने व्यवस्था छ। साथै राष्ट्र बैंकले सर्भिस चार्जमा गरेको कडाइले पनि असर गरेको छ। अहिले सबै माइक्रोफाइनान्स अप्ठ्यारो अवस्थामा छन्।’
राष्ट्र बैंकले समेत लघुवित्तहरु समस्यामा पर्नुमा आफ्नै नीतिलाई कारण ठानेको छ। राष्ट्र बैंकका लघुवित्त विभाग प्रमुख रेवतीप्रसाद नेपालले एक ग्राहक एक संस्था भन्ने नीतिका कारण समेत लघुवित्तहरुले कर्जा लगानी गर्न नसकिरहेको बताए।
‘हाम्रो एक ग्राहक एक संस्था भन्ने नीति छ। त्यसले लघुवित्तहरुले थप लोन दिन सकिरहेका छैनन्। अहिले लोन रिकभरीको चरणमा छ। ऋण मिनाहा हुन्छ भनेर जुन खालको आन्दोलनहरु भइरहेको छ, त्यसैले पनि केही ऋणीहरुले नतिरिरहेको अवस्था छ,’ उनले भने।
आरम्भ चौतारीका सीईओ जगत पोखरेलले लघुवित्तविरुद्धका अराजक गतिविधिले कर्जाका किस्ता असुलीमा समस्या भइरहेको बताए। चर्को ब्याज लिएर शोषण गरेको र उठीबास लगाएको भन्दै लघुवित्तविरोधी गतिविधि बढेको छ।
लघुवित्तको विरोधमा केही समयअघि कतिपय ऋणीले काठमाडौंमा प्रदर्शन गरेका थिए। मेडिकल व्यवसायी दुर्गा प्रसाईंले २० लाखभन्दा कमको ऋण मिनाहा हुनुपर्ने माग उठाइ ऋणीहरुलाई उचाल्दै आएका छन्।
अहिलेको अवस्थामा सुधार नआए दोस्रो त्रैमासको रिपोर्ट झनै भयावह खालको आउने यादवको बुझाइ छ।
वित्तीय विवरण सार्वजनिक गरेका ४७ लघुवित्त कम्पनीमध्ये २७ वटाको नाफा घटेको छ। साना किसान, छिमेक, डिप्रोक्स, नेसनल, फर्ष्ट माइक्रोफाइनान्स, एनआईसी एसिया लगायत २७ लघुवित्तको नाफा घटेको हो।
चालु आर्थिक वर्षको पहिलो त्रैमासमा साना किसान विकास लघुवित्तले सर्वाधिक नाफा कमाएको छ। लघुवित्तले यसपालि असोजसम्म ३० करोड १४ लाख रुपैयाँ कमाएपनि पोहोरको पहिलो त्रैमासको तुलनामा ६.६२ प्रतिशत कम हो।
दोस्रो धेरै नाफा कमाउने लघुवित्त छिमेक हो। उसले २२ करोड ११ लाख खुद नाफा आर्जन गरेको छ। तर यो मुनाफा पोहोर पहिलो त्रैमासको तुलनामा ३२.८० प्रतिशत कम हो। कम्पनीले गत वर्ष असोजसम्म ३२ करोड ९१ लाख खुद मुनाफा आर्जन गरेको थियो।
जीवन विकास लघुवित्तले १२ करोड ५ लाख, डिप्रोक्सले ८ करोड ८२ लाख र नेसनल लघुवित्तले ५ करोड ५० लाख खुद नाफा कमाएका छन्। यी सबैको मुनाफा भने घटेको छ।
लघुवित्त | २०८० को पहिलो त्रैमास | २०७९ को पहिलो त्रैमास | फरक प्रतिशतमा |
साना किसान | ३०,१४,०८,१६१ | ३२,२७,७९,३४४ | (६.६२) |
छिमेक | २२,११,६०,१५५ | ३२,९१,०८,४८५ | (३२.८०) |
जीवन विकास | १२,०५,१४,९५० | १५,३२,६३,७४९ | (२१.३७) |
डिप्रोक्स | ८,८२,६५,३११ | ९,९१,३०,९५४ | (१०.९६) |
नेसनल | ५,५०,६३,००० | १०,२३,६२,००० | (४६.२१) |
फष्ट माइक्रोफाइनान्स | ५,०६,८४,३२१ | ६,३७,७१,३१५ | (२०.५२) |
एनआईसी एसिया | ४,४८,४२,६५१ | ६,५७,९५,२९९ | (३१.८५) |
ग्रामीण विकास | ३,४५,६६,००० | (११,८३५,०००) | – |
स्वावलम्बन | ३,१८,८१,४३८ | ७४,९८५,५५६ | (५७.४८) |
नेष्डो समृद्धि | २,६६,७६,०३९ | ५,६४,६२,३१२ | (५२.७५) |
स्वरोजगार | १,९६,१६,८२५ | २,७६,३१,४२१ | (२९.०१) |
नेरुडे | १,९०,४६,०१० | ३,३९,७३,४०५ | (४३.९४) |
माहुली | १,५५,४०,८१५ | ५८,२८,५३७ | १६६.६३ |
विजय | १,४९,२६,३०३ | ६५,९७,२४९ | १२६.२५ |
सूर्योदय वोमी | १,१७,९२,३८० | ४,४३,४७,०३५ | (७३.४१) |
महिला | १०,८८१,९३६ | १५,९९९,७५८ | (३१.९९) |
लक्ष्मी | ९५,३२,५०४ | (४१,१४,१४६) | – |
साधना | ६७,४६,५२१ | १,०९,९०,३५१ | (३८.६१) |
बीपीडब्लू | ६६,८८,००० | (२५,८५,०००) | – |
कालिका | ५४,८७,१५५ | १,३१,६६,७०४ | (५८.३३) |
समता घरेलु | ४७,९५,००० | ५३,१६,००० | (९.८०) |
इन्फिनिटि | ३६,६३,९७८ | ६५,०७,५३६ | (४३.७०) |
गणपति | २८,८१,१९१ | ६८,९२,६९४ | (५८.२०) |
आरम्भ चौतारी | २५,४४,४६३ | २८,६८,७४४ | (११.३०) |
सीवाइसी | १९,०२,००० | १,५१,३७,००० | (८७.४३) |
सपोर्ट | १५,९८,००० | ४,४५,००० | २५९.१० |
युनिक नेपाल | १५,५३,००० | (२२,७५,०००) | – |
सबैको | १४,७७,००० | (२,९६,८८,०००) | – |
हिमालयन | १०,८६,६२६ | ७२,८३,९०० | (८५.०८) |
गुराँस | ९,३३,००० | (६०,२२,०००) | – |
मिथिला | ७,४४,००० | ४२,६३,००० | (८२.५५) |
नाडेप | ५,१०,१८२ | १,२२,४६,८५५ | (९५.८३) |
गत वर्षसम्म राम्रै मुनाफामा देखिएका लघुवित्त यस वर्ष पहिलो त्रैमासमै ऋणात्मक देखिएका छन्। १५ लघुवित्तको मुनाफा ऋणात्मक देखिएको हो।
निर्धन उत्थान लघुवित्त सबैभन्दा धेरै नोक्सानीमा देखिएको छ। पहिलो त्रैमाससम्म यो लघुवित्त १४ करोड ३० लाख नोक्सानीमा छ। गत वर्ष सोही अवधिमा यो लघुवित्त ३ करोड २५ लाख नाफामा थियो।
गत वर्ष ६ करोड ५२ लाख खुद नाफामा रहेको फरवार्ड माइक्रोफाइनान्स यसपालि ११ करोड नोक्सानीमा छ। यस्तै मेरो माइक्रोफाइनान्सको मुनाफा ६ करोड २५ लाख ऋणात्मक देखिएको छ। लघुवित्तले गत वर्ष पहिलो त्रैमासमा २ करोड ५५ लाख खुद नाफा कमाएको थियो।
लघुवित्त | २०८० को पहिलो त्रैमास | २०७९ को पहिलो त्रैमास |
---|---|---|
विन नेपाल | (१५,४८,०००) | (२३,७१,०००) |
मानुषी | (१,१२,८०,७०२) | ९,४३,३५४ |
जनउत्थान सामुदायिक | (१,२६,९६,०००) | (७६,७४,०००) |
मनकामना स्मार्ट | (१,४२,४९,०००) | (४३,५४,०००) |
जाल्पा सामुदायिक | (१,६४,६१,६५९) | (१०,३०,६५८) |
आशा | (२,६४,१८,६३२) | १,८६,१३,५५१ |
अभियान | (२,८३,५८,३७९) | ३,१५,६४३ |
सामुदायिक | (२,९४,५२,०००) | ९६,७४,००० |
उपकार | (३,३७,५१,०००) | ४२,९६,००० |
मिर्मिरे | (३,९९,६७,०१९) | २,८२,६४,६३६ |
किसान | (४,२१,१९,६७६) | (४,३७,०१,३५४) |
एमएमबी माइक्रोफाइनान्स | (४,७३,४१,३२०) | (८५,७२,००९) |
मेरो माइक्रोफाइनान्स | (६,२५,४७,३०८) | २,५५,८५,६१० |
फरवार्ड | (११,०९,८५,९७६) | ६,५२,१३,२८४ |
निर्धन उत्थान | (१४,३०,१०,९५९) | ३,२५,५०,५८२ |
लघुवित्त कम्पनीहरुको प्रमुख आयस्रोत खुद ब्याज आम्दानी हो। तर यो आम्दानीमा नै गिरावट आएको छ। अधिकांश कम्पनीको खुद ब्याज आम्दानी घटेको छ।
पहिलो त्रैमासमा ४७ लघुवित्तले ५ अर्ब ५० करोड खुद ब्याज आम्दानी गरेका छन्। यो रकम गत वर्षको सोही अवधिको तुलनामा १०.१५ प्रतिशत कम हो।
खुद ब्याज आम्दानी धेरै गर्ने कम्पनी छिमेक लघुवित्त हो। उसले पहिलो त्रैमासमा ७२ करोड ८४ लाख खुद ब्याज आम्दानी गरेको छ। उसको यो आम्दानी गत वर्षको पहिलो त्रैमासको तुलनामा भने १.५६ प्रतिशतले कम हो।
निर्धन उत्थान लघुवित्तको खुद ब्याज आम्दानी १०.४१ प्रतिशतले घटेको छ।
केही लघुवित्तको खुद ब्याज आम्दानी भने बढेको छ। विजय लघुवित्तले यस्तो आम्दानी २२.१० प्रतिशतले बढाएको छ। लघुवित्तले यसपालि पहिलो त्रैमासमा ८ करोड ४४ लाख खुद ब्याज आम्दानी आर्जन गरेको छ।
आरम्भ चौतारी, इन्फिनिटी लघुवित्त, सपोर्ट माइक्रोफाइनान्स, गुराँस लघुवित्त लगायतको पनि खुद ब्याज आम्दानी बढेको छ।
लघुवित्त कम्पनीको खुद ब्याज आम्दानीको स्थिति
लघुवित्त | २०८० को पहिलो त्रैमास | २०७९ को पहिलो त्रैमास | फरक प्रतिशतमा |
---|---|---|---|
छिमेक | ७२,८४,१०,७३४ | ७३,९९,८८,९५० | -१.५६ |
साना किसान विकास | ५१,६५,०३,४९८ | ४३,०९,३३,९९९ | १९.८६ |
निर्धन उत्थान | ४३,००,७९,८२४ | ४८,००,७६,१२८ | -१०.४१ |
जीवन विकास | ३८,४०,१४,९१४ | ४१,४३,१०,६०३ | -७.३१ |
स्वावलम्बन | ३४,४६,५७,११४ | ३९,३७,५७,५१३ | -१२.४७ |
डिप्रोक्स | ३३,४२,४२,८३७ | ३३,२४,६४,०६७ | ०.५४ |
फरवार्ड माइक्रोफाइनान्स | २६,९५,२३,३२७ | २९,५५,५१,४१८ | -८.८१ |
एनआईसी एसिया | २५,०५,८१,३६८ | २९,०२,५७,१६५ | -१३.६७ |
ग्रामीण विकास | २१,१९,३९,००० | २१,९८,२४,००० | -३.५९ |
मेरो माइक्रोफाइनान्सल | १५,९३,११,२९९ | २०,१६,५५,५६८ | -२१ |
नेसनल | १४,९१,०१,००० | १५,८९,६५,००० | -६.२१ |
सूर्योदय वोमी | १३,५४,२१,९३२ | १७,५०,५८,६३२ | -२२.६४ |
नेरुडे | १२,६०,००,१७० | १४,२१,२७,३७२ | -११.३५ |
विजय | ८,४४,४६,७९५ | ६९,१६०,९५३ | २२.१ |
फर्ष्ट माइक्रोफाइनान्स | ८,०१,९६,८१५ | १२,०१,७९,१८६ | -३३.२७ |
लक्ष्मी | ७,८९,०९,४४९ | १०,८२,६७,०६९ | -२७.१२ |
स्वरोजगार | ७,८३,९२,८३७ | ९,६६,३६,४९५ | -१८.८८ |
महिला | ७,१४,३५,४९७ | ७,७५,३५,८४४ | -७.८७ |
आरम्भ चौतारी | ६,४९,०९,०७९ | ६,१२,१८,८१५ | ६.०३ |
कालिका | ६,२२,९५,९७५ | ७,११,५३,७०३ | -१२.४५ |
आशा | ६,२१,२१,६४५ | ६,५९,१४,६४३ | -५.७५ |
माहुली | ६,११,१०,१६६ | ७,३३,०५,०२९ | -१६.६४ |
नेष्डो समृद्धि | ६,००,६०,२४२ | १०,०८,०७,५९१ | -४०.४२ |
जाल्पा सामुदायिक | ५,८६,२१,४७१ | ९,४५,११,५५० | -३७.९७ |
इन्फिनिटि | ५,८५,६०,०६१ | ५,५६,६७,५३८ | ५.२ |
साधना | ५,७७,१८,६३५ | ६,६०,६९,४४६ | -१२.६४ |
एमएमबी माइक्रोफाइनान्स | ५,७४,२३,७१३ | ८,७२,०६,१४९ | -३४.१५ |
सीवाइसी | ५,६३,७६,००० | ६,०४,३८,००० | -६.७२ |
हिमालयन | ५,५३,११,३३६ | ५,६५,१६,११९ | -२.१३ |
नाडेप | ५,१९,२२,७७२ | ७,१४,०२,०४० | -२७.२८ |
किसान | ५,०८,५८,९५२ | ४,०३,५३,७२९ | २६.०३ |
सबैको | ४,८४,८७,००० | १,६१,०८,००० | २०१.०१ |
युनिक नेपाल | ३,८९,५७,००० | ५,८९,३८,००० | -३३.९ |
मिर्मिरे | ३,७१,१५,१९८ | १२,६१,६१,६४६ | -७०.५८ |
समता घरेलु | ३,३९,२२,००० | ५,१०,५५,००० | -३३.५६ |
गणपति | २,८४,२४,५९५ | ३,५६,३४,३५९ | -२०.२३ |
मिथिला | २,७६,१३,००० | २,३१,२७,००० | १९.४ |
उपकार | १,७५,८३,००० | ३,५५,७३,००० | -५०.५७ |
मानुषी | १,५५,००,४८६ | २,३९,६३,८३० | -३५.३२ |
सपोर्ट माइक्रोफाइनान्स | १,४४,८५,००० | १,३५,७१,००० | ६.७३ |
गुराँस | १,२९,७५,००० | ५९,२७,००० | ११८.९१ |
अभियान | १,१२,१०,७१४ | १,८९,९६,२७७ | -४०.९८ |
सामुदायिक | १,०७,२८,००० | २,१८,७६,००० | -५०.९६ |
जनउत्थान सामुदायिक | ८०,८४,००० | २,९२,९७,००० | -७२.४१ |
मनकामना स्मार्ट | ५२,५६,००० | १,०९,२९,००० | -५१.९१ |
बीपीडब्लू | ४९,४९,००० | २०,०८,००० | १४६.४६ |
विन नेपाल | ३६,१२,००० | ७५,४८,००० | -५२.१५ |
राष्ट्र बैंक लघुवित्त वित्तीय संस्थाप्रति लचिलो बन्ने भएको छ। बैंकका लघुवित्त विभाग प्रमुख नेपालले लघुवित्त संस्थाहरुले महँगोमा पैसा ल्याएर १५ प्रतिशतभन्दा बढीमा लगानी गर्न नपाउने व्यवस्थामा केही संशोधन गर्ने लागेको बताए।
‘अहिलेको व्यवस्थाले लघुवित्तहरुलाई मर्का परेको छ। कस्ट अफ फन्ड बढेको छ। बाहिरैबाट १०/१२ प्रतिशतमा ल्याएर १५ प्रतिशतमा लगानी गर्दा प्रशासनिक खर्च बढेको छ। त्यसैले हामीले पुस मसान्तभित्र संशोधन गर्ने गरी आन्तरिक छलफलमा छौं,’ उनले बिजमाण्डूसँग भने, ‘अहिले वाणिज्य बैंकहरुको बेस रेट १० प्रतिशत हाराहारीमा छ, त्यो घटेर ५/७ प्रतिशतमा आउने वित्तिकै लघुवित्तहरुको ब्याजदर पनि १५ प्रतिशतभन्दा कममा आउँछ। मार्केट चल्नेखालको मेकानिज्ममा जान सकिन्छ कि भनेर छलफल गरिरहेका छौं।’
उनका अनुसार, बैंकले अराजक ऋणीलाई कारबाहीको दायरामा ल्याउने विषयमा लघुवित्त एसोसिएसनका पदाधिकारीहरुलाई बोलाएर प्रस्ताव मागेको छ।
‘अहिले भइरहेको अराजकतालाई नियन्त्रण गर्न नसके संस्थाहरु धरापमा पर्छन्। एनपीएल र प्रोभिजनिङ बढ्दै जान्छ। बैंकिङ सिस्टमप्रति नै नकारात्मक धारणा बढ्छ। त्यसैले हामीले ऋणीहरुलाई कसरी सहज गर्ने र अराजक ऋणीलाई कारबाहीको दायरामा ल्याउने भन्ने विषयमा प्रस्ताव गर्न भनेका छौं,’ उनले भने।