काठमाडौं। विगत तीन बर्षदेखि चुक्ता पूँजी बढाउन बोनस शेयर दिँदै आएका कम्पनीले दोस्रो बजारमा लगानीकर्तालार्इ आकर्षित गर्न पूँजी बृद्धि सके पनि नगदसँगै बोसन शेयर घोषणा गर्न थालेका छन्। नेपाल राष्ट्र बैंकले तोकेको पूँजी गत आर्थिक वर्षमा नै पुरा गरेका विकास बैंक तथा फाइनान्सहरुले पनि बोनस शेयर घोषणा गरेका छन्।
विगत तीन वर्षको अवधिमा पूँजी कोष पर्याप्त भइसक्दा पनि कम्पनी बोनस शेयरमै आकर्षित हुनुको कारण दोस्रो बजारमा आप्नो शेयर मूल्य खस्कन नदिनु हो। प्रतिशेयर आम्दानीभन्दा पनि पूँजीकोषलाई नै बलियो बनाउने मनासय कम्पनीहरुमा देखिएको बजार विश्लेषक ज्योति दाहाल बताउछँन्।
राष्ट्र बैंक कुनै पनि हालतमा बैंक तथा वित्तीय संस्थाको संख्या घटाउने पक्षमा रहेको बुझाइ लगानीकर्ताको छ। चालु आर्थिक वर्षमा फोर्स मर्जरको नीति ल्याउन नसके पनि आगामी आर्थिक बर्षमा राष्ट्र बैंकले मर्जरको नीति ल्याउन सक्ने भन्दै बैंक तथा वित्तीय संस्थाहरु पूँजी बलियो देखाएर राम्रो मूल्याङ्कनको लागि बोनस शेयरमा आकर्षित भएको दाहालको विश्लेषण छ।
सरकारको ५ वर्षे रणनितीमा बाणिज्य बैंकहरु र लघुवित्त संस्था मात्रै राख्ने गरी 'युनिभर्सल बैंकिङ' को अवधारणा अगाडि सारेको छ। यसले गर्दा विकास बैंक र फाइनान्स कम्पनी कुनै पनि हालतमा मर्जरको बाटो जानु पर्ने बुझाइ लगानीकर्ताको छ।
विकास बैंक तथा फाइनान्सहरु जसरी पनि कुनै न कुनै बैंकसँग मर्ज हुनु पर्ने अवस्था आएमा सम्पति तथा दायित्वको मूल्यांकन (डिडिए) गर्दा स्वाप रेसियो राम्रो देखाउन सकिने रणनितिका साथ उनीहरुको ध्यान बोनस शेयरमा गएको दाहालको विश्लेषण छ। अहिले नगद लाभांस दिएर पैसा बाँड्नुभन्दा पनि भोलिका दिनमा वार्गेनिङ गर्न सक्ने क्षमता बनाउन खोजेको लगानीकर्ताहरु बताउँछन्।
बैंक तथा वित्तीय संस्थाले दोस्रो बजारमा कम्पनीको बजार मूल्य स्थिर राख्ने हिसावले पनि बोनस शेयर दिने निर्णय गरेका हुन्। पछिल्लो समय दोस्रो बजार लगातार घटिरहँदा अधिकांस बैंक तथा वित्तीय संस्थाको शेयर मूल्य अण्डर भ्यालु हुन थालेको छ। अंकित मूल्य हाराहारी शेयर भाउ आउन थालेपछि त्यसलाई उकास्न पनि बोनस शेयरको बाटो कम्पनीहरुले रोजेका हुन्।
चालु आर्थिक बर्ष ३४ वटा बैंक, वित्तीय संस्था, हाइड्रोपावर, म्युचुअल फण्डले लाभांस घोषणा गरेका छन्। केही लघुवित्त संस्थाबाहेक अधिकांस कम्पनीले चालु आर्थिक वर्षमा लाभांसको दर घटाएका छन्।
गएका बर्षहरुमा पूँजी बढेसँगै कम्पनीहरुको प्रति शेयर आम्दानीमा पनि गिरावट आएको छ। जसले गर्दा लाभांस पनि घटिरहेको छ।
कम्पनीको नाम | बोनस शेयर | नगद लभांस | जम्मा लाभांस | कम्पनीको नाम | बोनस शेयर | नगद लभांस | जम्मा लाभांस |
फस्ट माइक्रोफाइनान्स | 0 | 12.63 | 12.63 | ज्योति विकास बैंक | 0 | 8.4 | 8.4 |
सिद्धार्थ इक्वीटी | 0 | 12 | 12 | जानकी फाइनान्स | 22 | 1.16 | 23.16 |
पोखरा फाइनान्स | 5 | 8.68 | 13.68 | समता माइक्रोफाइनान्स | 10 | 11.05 | 21.05 |
मेरो माइक्रोफाइनान्स | 15 | 11.32 | 26.32 | बोटलर्स नेपाल तरार्इ | 0 | 40 | 40 |
वमी माइक्रोफाइनान्स | 0 | 25 | 25 | बोटलर्स नेपाल बालाजु | 0 | 20 | 20 |
ग्लोबल आइएमर्इ लघुवित्त | 15 | 0.79 | 15.79 | गरिमा विकास बैंक | 10 | 3.75 | 13.75 |
आइसिएफसी फाइनान्स | 0 | 8 | 8 | किसान माइक्रोफाइनान्स | 29 | 1.53 | 30.53 |
स्वोरोजगार लघुवित्त | 20 | 1.05 | 21.05 | स्वदेशी लघुवित्त | 0 | 10 | 10 |
ङादी पावर | 0 | 10 | 10 | रिडी हाइड्रोपावर | 6 | 0.32 | 6.32 |
एनआइविएल समृद्धि | 0 | 12 | 12 | मुक्तीनाथ विकास बैंक | 18.25 | 0.96 | 19.21 |
महालक्ष्मी विकास बैंक | 8 | 7 | 15 | सप्तकोशी लघुवित्त | 3 | 5.03 | 8.03 |
शाइन रेशुङ्गा | 18 | 0 | 18 | युनिलिभर | 0 | 700 | 700 |
हाम्रो विकास बैंक | 2.4 | 7.91 | 10.31 | छिमेकी लघुवित्त | 18 | 22 | 40 |
कावेली विकास बैंक | 35 | 0 | 35 | सूर्योदय लघुवित्त | 42.75 | 2.25 | 45 |
कन्काइ विकास बैंक | 3 | 6.5 | 9.5 | एक्सेल डेभलपमेन्ट | 0 | 17 | 17 |
तिनाहु डेभलपमेन्ट | 12 | 0.63 | 12.63 | नेरुडे लघुवित्त | 15 | 5.79 | 20.79 |
गुहेश्वरी मर्चेन्ट | 5.26 | 5.26 | समिट माइक्रोफाइनान्स | 23.53 | 1.24 | 24.77 |